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आखिर क्या पाया / लालित्य ललित
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इतना कमाया
खुद को थकाया
अपने को पकाया
आखिर क्या पाया
बैंक - बैलेंस
तीन मंजिला
आलीशान मकान
सौ तौले सोने का हार
डेढ़ किलो चांदी की पायलें
चार लग्जरी कार
तीन बहुएं तीन बेटे
समाज में इज्जत
छह पोतों का संसार
क्या ले पाया अपने साथ
कुछ नहीं
ना परिवार
ना दौलत
ना सोना
ना चांदी
बच्चों ने कर लिया
बंटवारा
अपना-अपना हिस्सा ले कर
हो गए फुर्र
ओर पिता जी की हार लगी
तस्वीर
एक खोखले डिब्बे में
कौने में पड़ी है
अजब है दुनिया
बड़े अच्छे थे लाला जी
और बच्चे
बड़े मादर...