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छोटी-छोटी शिकायतें / लालित्य ललित

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छोटी-छोटी
शिकायतें कई बार
भयंकर रूप ले लेती हैं
जिसे किसी घर का
मुखिया भी ठीक
नहीं कर पाता
होता क्या है
सब सूरजमुखी से तने
मिलेंगे
जले-भुने मिलेंगे
और संबंधों में
आ जाएगा अनावश्यक तनाव
फिर
लेनी पड़ेंगी नियमित गोलियां
जिसका विकल्प कोई नहीं
क्यों छोटी-छोटी
शिकायतों वाला
काम करते हो ?
अगर करना ही है
तो सार्थक करो, ताकि
हर घर चहके
खुषियां महकें
रोता बच्चा
टूटे बर्तन
या बंद पड़ी घड़ी
अगर घर में पड़ी हो तो
फ़ौरन बाहर का
रास्ता दिखाएं
मंगल-गीत गाएं
ख़ुशिया घर आएंगी
फिर
न जाएंगी आपसे दूर
आपस में
सबसे मिलो-जुलो
बात करो
एक क़दम तुम चलो
एक मौक़ा उनको दो
देखना रास्ता बन जाएगा
भविष्य संवर जाएगा
मुस्कान दौड़ेगी चेहरों पर
बिल्कुल
नये कोंपल-सी
निष्पाप, निष्कलंक
नितांत मौलिक