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चांद से अनगिनत इच्छाएँ / लाल्टू

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चांद से अनगिनत इच्छाएँ साझी करता हूँ
चांद ने मेरी बातें बहुत पहले सुन ली हैं
फिर भी कहता हूँ
और चांद का हाथ
अपने बालों में अनुभव करता हूँ

चांद ने काग़ज़ क़लम बढ़ाते हुए
कविताएँ लिखने को कहा है
सायरन बज रहा है।