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सार्थक लेखन / लालित्य ललित

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अच्छी किताब
बहुत सुकून देती है
कि बहुत-सी
बुरी किताबें पढ़ने से बच गए
और हर किताब
आपको बेचैन नहीं करती
आपको झिंझोड़ती नहीं
बस पन्ने पलटे
लेखक का नाम देखा
परिचय देखा और
टेबल के नीचे सरका दिया
लेकिन
कुछ किताबों में
लेखक ने जीवन जीया है
और ऐसी किताबें
आपको
उस पूरी रचना-प्रक्रिया से
जोड़ देंगी
और आप बग़ैर पढ़े
उठेंगे नहीं
चाहे कोई कितना प्रलोभन दे
अच्छी किताब
देती है पूरी मानसिक ख़ुराक
ऐसी है ‘नाच्यो बहुत गोपाल’
लेखक अमृतलाल नागर हैं
नहीं पढ़ी तो पढ़ लीजिए
दलित साहित्य को
केन्द्र में रख कर
बारीक़ी से किये गये
वर्णन को
आत्मसात कैसे किया
बताती है यह
पुस्तक !
अच्छी किताब के
मायने यही
जिससे पाठक जुड़ जाएं
लेखक जुड़ जाएं
संवाद हो जाएं
रचनात्मक धरातल पर ।