भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सात छेद वाली मैं (ताँका-संग्रह) / सुधा गुप्ता
Kavita Kosh से
Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:24, 4 सितम्बर 2012 का अवतरण
'सात छेद वाली मैं ’ (2011) ताँका का स्वतन्त्र संग्रह है।
डॉ. सुधा गुप्ता की चोका पुस्तक "ओक भर किरनें" तथा ताँका पुस्तक 'सात छेद वाली मैं ’ का लोकार्पण ब्रैम्पटन लाइब्रेरी (कैनेडा) में किया गया।
इसमें इनके 153 ताँका संगृहीत हैं ।
पुस्तक को सात अध्यायों में बाँधा गया है -नीराजना,, बाँसुरी अष्टक,राधिका और कान्हा,प्रकृति और परी, शैशव और सपने,दु:ख मेरे अपने, सच से मुठभेड़ ।
‘प्रकृति -परी’ और ‘सच से मुठभेड़’ दोनों अध्याय बड़े हैं । इनमें क्रमश 48 और 40 ताँका हैं ।
सात छेद वाली मैं की समीक्षा गद्यकोश पर