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खोज / संगीता गुप्ता
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" स्वयं
को जानो
ईश्वर को
जान जाओगी "
बाबा ने कहा था
कौन हूँ ?
सिर्फ़ देह ?
सिर्फ़ मन ?
मात्र एक सामाजिक इकाई
या सब एक साथ ?
फिर भी
उसके अतिरिक्त
क्यों बच जाती है वह
प्रश्नाकुल सतत खोजती
स्वयं को
संशयग्रस्त होती
पुनः जुट जाती
स्वयं को
खोजने में