भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कंपन / तस्लीमा नसरीन
Kavita Kosh से
Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:56, 23 सितम्बर 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=तसलीमा नसरीन }} Category:बांगला <poem> ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
|
कहते हैं- तीस बरस में घटने लगता है
मुहब्बत का शीत।
लेकिन मैं देख रही हूँ तीस के ऊपर देह विपरीत।
मूल बांग्ला से अनुवाद : मुनमुन सरकार