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उस पार की ज़मीन / सत्यनारायण सोनी

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बच्चे के पास
नहीं है कोई जेट विमान
कोई रॉकेट
या हवाई सर्वेक्षण करता
कोई हैलिकौप्टर।

उसके पास है
प्यार की डोरी में बंधी एक पतंग
उड़ते-उड़ते पहुंच गई जो
सरहद पार के आसमान में
बांट रही एक अदद मुस्कान।

कोई शक की नजरों
नहीं देखेगा उसे सरहद पार।
न ही दागी जाएगी कोई मिसाइल
उसे गिराने को।

कोई बच्चे जैसा बच्चा
सरहद पार का
निहारेगा उसे
तालियां बजाएगा,
खिलखिलाएगा।
कटकर जाएगी जब
तो वह उमंगों भर जाएगा,
लूटने को दोनों हाथ फैलाएगा।
और इस प्रकार भर जाएगी मुस्कान से
सरसब्ज हो जाएगी प्यार से
उस पार की ज़मीन।

2004