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बींठ (1) / सत्यनारायण सोनी
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सफेद झक
उजले-उजले
वसन पहन
निकला मैं घर से
उपमा दी लोक ने-
'चिड़ी की बींठ सरीखा।'
विष्टा में भी
सुंदरता के दर्शन!
वाह रे, गजब सौंदर्यबोध।
2005