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छरहरी देह की उठते हुए यौवनवाली / कालिदास
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तन्वी श्यामा शिखरिदशना पक्वबिम्बाधरोष्ठी
मध्ये क्षामा चकितहरिणीप्रेक्षणा निम्ननाभि:।
श्रोणीभारादलसगमना स्तोकनम्रा स्तनाभ्यां
या तत्र स्याद्युवतिविषये सृष्टिराद्येव धातु:।।
देह की छरहरी, उठते हुए यौवनवाली,
नुकीले दाँतोंवाली, पके कुंदरू-से लाल
अधरवाली, कटि की क्षीण, चकित हिरनी
की चितवनवाली, गहरी नाभिवाली श्रोणि-भार
से चलने में अलसाती हुई, स्तनों के भार से
कुछ झुकी हुई - ऐसी मेरी पत्नी वहाँ अलका
की युवतियों में मानो ब्रह्मा की पहली कृति
है।