भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
आसपास / संगीता गुप्ता
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:59, 7 दिसम्बर 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संगीता गुप्ता |संग्रह=इस पार उस प...' के साथ नया पन्ना बनाया)
आसपास
भीड़ का फैलाव
ढेर सारी गहमागहमी
फिर भी सन्नाटे का आभास
सालती रहती है
सब कुछ की व्यर्थता
लगातार रीतती जिन्दगी में
खुद छीज रही हूँ मैं