भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अचूक खुशियाँ / ईमान मर्सल

Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:42, 9 दिसम्बर 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=ईमान मर्सल |संग्रह= }} [[Category:अरबी भ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: ईमान मर्सल  » अचूक खुशियाँ

सोने से पहले
मैं फ़ोन को बिस्तर के पास खींच लाऊंगी
और बहुत सारी चीज़ों के बारे में उन लोगों से बातें करूंगी
यह तय करने के लिए कि वे सच में मौजूद हैं,
कि वीकेंड के लिए उनके पास अभी से योजनाएं हैं
इतने सुरक्षित हैं वे
कि बुढ़ापे से डरते हैं
और झूठ बोल लेते हैं

मैं यह तय करूंगी कि वे सच में मौजूद हैं
अपनी अचूक ख़ुशियों के भीतर
और यह भी कि
मैं अकेली हूं
और जब तक होती रहेंगी नई-नई नाराजगियां
तब तक सुबह होती रहेगी

अंग्रेजी से अनुवाद : गीत चतुर्वेदी