ये क्या हुआ कैसे हुआ
ये कब हुआ क्या पता
चोरी चोरी जब नज़रें मिली
चोरी चोरी फिर नींदें उड़ी
चोरी चोरी ये दिल ने कहा
चोरी में भी है मज़ा
क्या जाने क्या मिला गया
क्या जाने क्या खो गया
तूने ये क्या कर दिया
मुझको ये क्या हो गया
पलकें झुकीं पलकें उठीं
क्या कह दिया क्या सुना
फूलों के ख्वाबों में आकर
खुशबू चुरा ले गयी
बादल का आँचल भी आकर
पागल हवा ले गयी
फूल ने फूल से फिर
कान में कुछ कहा
रिश्तों के नीले भंवर
कुछ और गहरे हुए
तेरे मेरे साए हैं
पानी में ठहरे हुए
जब प्यार का मोती गिरा
बनने लगा दायरा
चोरी चोरी जब नज़रें मिली
चोरी चोरी फिर नींदें उड़ी
चोरी चोरी ये दिल ने कहा
चोरी में भी है मज़ा
यह गीत राहत इन्दौरी ने फ़िल्म 'करीब' (1998) के लिए लिखा था ।