भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

इचक दाना बिचक दाना / हिन्दी लोकगीत

Kavita Kosh से
Mani Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:17, 13 अप्रैल 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=हिन्दी }} <...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना इचक दाना......
छज्जे ऊपर बन्नी बैठी बन्ना है दिवाना इचक...
रोज सवेरे उठकर बन्ना गर्म समोसे लाता है
दादी को दिखला-दिखला कर बन्नी को खिलाता है
दादी के मुंह पानी आये कैसा है जमाना है इचक दाना.....
इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना

इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना इचक दाना......
छज्जे ऊपर बन्नी बैठी बन्ना है दिवाना इचक...
रोज सवेरे उठकर बन्ना गर्म समोसे लाता है
मम्मी को दिखला-दिखला कर बन्नी को खिलाता है
मम्मी के मुंह पानी आये कैसा है जमाना है इचक दाना.....
इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना

इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना इचक दाना......
छज्जे ऊपर बन्नी बैठी बन्ना है दिवाना इचक...
रोज सवेरे उठकर बन्ना गर्म समोसे लाता है
भाभी को दिखला-दिखला कर बन्नी को खिलाता है
भाभी के मुंह पानी आये कैसा है जमाना है इचक दाना.....
इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना