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इचक दाना बिचक दाना / हिन्दी लोकगीत

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना इचक दाना......
छज्जे ऊपर बन्नी बैठी बन्ना है दिवाना इचक...
रोज सवेरे उठकर बन्ना गर्म समोसे लाता है
दादी को दिखला-दिखला कर बन्नी को खिलाता है
दादी के मुंह पानी आये कैसा है जमाना है इचक दाना.....
इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना

इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना इचक दाना......
छज्जे ऊपर बन्नी बैठी बन्ना है दिवाना इचक...
रोज सवेरे उठकर बन्ना गर्म समोसे लाता है
मम्मी को दिखला-दिखला कर बन्नी को खिलाता है
मम्मी के मुंह पानी आये कैसा है जमाना है इचक दाना.....
इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना

इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना इचक दाना......
छज्जे ऊपर बन्नी बैठी बन्ना है दिवाना इचक...
रोज सवेरे उठकर बन्ना गर्म समोसे लाता है
भाभी को दिखला-दिखला कर बन्नी को खिलाता है
भाभी के मुंह पानी आये कैसा है जमाना है इचक दाना.....
इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना