भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पहिये / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित
Kavita Kosh से
Mani Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:04, 12 मई 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लालित्य ललित |संग्रह=समझदार किसि...' के साथ नया पन्ना बनाया)
सब विभागों की
अपनी कहानी
अपने किस्से
हर विभाग को चलाने के
लिए कई-कई पहिये लगते हैं
और
ये
पहिये
गांधी की शक्ल लिए
रहते हैं
जब इन पहियों की
कर्मचारी
अधिकारी
सवारी करते हैं
तो
आसानी से
आपकी फाइल
सरक जाती है
टेंडर निकल जाते हैं
आज
हर विभाग की कहानी है
जहां पहिये लगे हैं