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सबूत / नीरज दइया
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जो प्रेम था
उसके लिए कोई सबूत
आज तक नहीं मांगा
आज जब मांगा है तुमने
सोचता हूं-
क्या हो सकता है वह?
क्या वह स्वयं
नहीं है प्रेम!