भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जो हम से तू मिला करेगा / मीर 'सोज़'

Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता २ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:16, 2 जुलाई 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीर 'सोज़' |संग्रह= }} {{KKCatGhazal‎}}‎ <poem> जो ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जो हम से तू मिला करेगा
बंदा तुझ को दुआ करेगा

बोसा तू दे कभू मेरी जान
मौला तेरा भला करेगा

हम तुम बैठेंगे पास मिल कर
वो दिन भी कभु ख़ुदा करेगा

दिल तेरे काम का नहीं तो
बंदा फिर ले के क्या करेगा

पछताएगा मिल के सोज़ से हाँ
हम कहते हैं बुरा करेगा

है शोख़-मिज़ाज सोज़ वल्लाह
छेड़ेगा उसे बुरा करेगा