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हम नहीं बताते / मिथिलेश श्रीवास्तव
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हम मिलते हैं 
हालचाल पूछते हैं 
बताते हैं 
हम पत्नी-बच्चे सब ठीक हैं 
मकान ख़रीद नहीं सके 
शहर में घर बनाना और कविता लिखना 
मुश्किल है 
बेटे की तरक़्क़ी हो गयी है 
पिछली बार की तुलना में 
इस बार कितनी जल्दी हम थक गए 
हम नहीं बताते 
नहीं बताते हम 
कितनी बेसब्री से इन्तज़ार करते रहे 
बात के जल्दी से एक ऐसे मोड़ पर पहुँचने की 
जहाँ से उठकर आसानी से हम जा सके
 
जल्दी चले जाना चाहते थे हम ।
	
	