भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

धूप उतारे राई-नोन / यश मालवीय

Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:23, 10 नवम्बर 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=यश मालवीय |संग्रह=एक चिड़िया अलगनी पर एक मन में / यश माल...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

धूप उतारे राई-नोन
आँगन में महका लोहबान
गन्ध नहाये भीगे प्राण
हम सा भाग्यवान है कौन ?

पानी उठ-उठ कर गिरता
बीच नदी में मन तिरता
लहरों के बनते हैं कोण

आँखों में चन्दन के वन
युकलिप्टस के चिकने तन
दिन साखू रातें सागौन