भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
रात ढलने के बाद क्या होगा / सरवत हुसैन
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ३ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:39, 8 अक्टूबर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सरवत हुसैन }} {{KKCatGhazal}} <poem> रात ढलने के ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
रात ढलने के बाद क्या होगा
दिन निकलने के बाद क्या होगा
सोचता हूँ कि उस से बच निकलूँ
बच निकलने के बाद क्या होगा
ख़्वाब टूटा तो गिर पड़े तारे
आँख मलने के बाद क्या होगा
रक़्स में होगी एक परछाई
दीप जलने के बाद क्या होगा
दश्त छोड़ा तो क्या मिला ‘सरवत’
घर बदलने के बाद क्या होगा