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गमणै रो डर / राजूराम बिजारणियां

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बुगचै में
फिरोळती ओळूं रै
अकूत खजानै रै मिस
सौ‘जी सागै
खेचळ करती
आंख्यां री थळी ताणीं
नीठ पूग्या
बै बीमार आंसू
सूक‘र मरग्या
अेक छिण में
दादी रै
खुरदरै मुंडै री
सांवटीजती
सळां बिचाळै
गमणै रै डर सूं।