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देख्यो सगळै घर / राजूराम बिजारणियां

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सौ री स्पीड
नीकळ्यो
भतूळियो
थळी थाम्या खड़ी
छोरी रै कानां में
कैवतो बात
झींटिया उडावतो..

देख्यो सगळै घर.!

कुण देख्यो पण
मन में भंवतो
चकडूंडियै चढ्यो
भतूळियो
लेयग्यो उडा‘र
छोरी नै भुळा‘र
सुपना रै बीजै देस.!