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घर मोढां पर / राजूराम बिजारणियां

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पिछाण न्यारी-न्यारी.!

बिरंडी
छत
भींत
बारणां!

धुड़ग्या-रळग्या
बणग्या माटी।

मोटासर-मुटळाई
कुम्भाणो-कनळाई..!!
उठता गांव
गमता नांव

घर धुड़ै
खेह उडै
उतरती पीड़
झरै आंख्यां

घर हा सजळ
थोड़ी जैज पैलां

घर में लोग
बाखळ में गाडा

अबै-
घर गाडां
घर मोढां.!