भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सारिसो मुरको !/ कन्हैया लाल सेठिया
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:56, 17 अक्टूबर 2013 का अवतरण
जिनगानी‘र मौत
साईन्यां
सारीसो मुरको,
दोन्यां रो भरतार जीव
राखै दुभांत
एक नै सुहाग
दूजी नै दुहाग,
पण बुझतां ही जोत
सागै हुवैली सती
विजोगण मौत !