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भूख / कन्हैया लाल सेठिया

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देख‘र
धरती पर
खिंडयोड़ा दाणां
सांवट‘र पांखां
आ‘र बैठग्यो
पंखेरू नीचै
कोनी भूख स्यूं
बडो
गिगनार !