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हूणी अणहूणी / कन्हैया लाल सेठिया
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जायो है
किण री मा
इसड़ो मोट्यार
जको गिण लै
मौत रा दांत ?
पकड़ लै
बगत रो हाथ ?
राख लै
भाजती उमर नै
घाल‘र गळबाथ ?
चल्या गया कता
तप तप‘र धूणी
भोग‘र जूणी
कद टळी हूणी ?
इंयां ई भुंवै आ भूणी
कोनी हुवै अणहूणी !