भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पिता और सूर्य-5 / अमृता भारती
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:12, 19 अक्टूबर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अमृता भारती |अनुवादक= |संग्रह=आदम...' के साथ नया पन्ना बनाया)
मैं नहीं हूँ
अन्तिम दर्शन की पंक्ति में --
बस एक लाल गुलाब
माँ के आशीष की तरह बड़ा
एक छोटी लड़की
नन्ही-सी प्रार्थना-सी ।