Last modified on 22 अक्टूबर 2013, at 14:29

सफर-ए-आगही / परवीन फ़ना सय्यद

सशुल्क योगदानकर्ता ३ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:29, 22 अक्टूबर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=परवीन फ़ना सय्यद }} {{KKCatNazm}} <poem> अजीब ह...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

अजीब है
दश्त-ए-आगही का सफ़र
वफ़ा की रिदा में लिपटी
बरहना क़दमों से चल रही हूँ
तपे हुए रेगज़ार में भी
मगर चुभन है न पाँव में कोई आबला है
थकन का नाम ओ निशाँ नहीं है