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सुना था हमने मुनियों से इहाँ पर राम का आना / महेन्द्र मिश्र

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 सुना था हमने मुनियों से इहाँ पर राम का आना।
हमोर देश के किस्मत में देखा क्या बदल जाना।

चरण को धो लिया हमने हुए अब भाग्य का भाजन,
सिहाते देवता नभ में भुले सभ जोग जप ज्ञाना।

बहुत दिन की मंजूरी थी हुई है भरपूरी।
करूँ ना गैर की सेवा धरूँ अब आप का ध्याना।

महेन्दर भक्ति कर दीजे शरण में अपनी राख लीजे
न लेंगे हम भी उतराई हमें भव पार कर देना।