भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बरसात का मतलब है / अनामिका
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:48, 14 नवम्बर 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनामिका |संग्रह=अब भी वसंत को तुम्हारी जरूरत है / अनामि...)
बरसात का मतलब है
हो जाना दूर और अकेला।
उतरती है साँझ तक बारिश—
लुढ़कती-पुढ़कती, दूरस्थ—
सागर-तट या ऐसी चपटी जगहों से
चढ़ जाती है वापस जन्नत तक
जो इसका घर है पुराना।
सिर्फ़ जन्नत छोड़ते वक़्त गिरती हैं बूँद-बूँद बारिश
शहर पर।
बरसती हैं बूँदें चहचहाते घंटों में
जब सड़कें अलस्सुबह की ओर करती हैं अपना चेहरा
और दो शरीर
लुढ़क जाते हैं
कहीं भी हताश—
दो लोग जो नफ़रत करते हैं
एक-दूसरे से
सोने को मजबूर होते हैं साथ-साथ।
यही वह जगह है
जहाँ
नदियों से हाथ मिलाता है
अकेलापन।