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बन्दूक का गीत / पवन करण
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बन्दूक ले लर्इ बन्दूक ले लर्इ
हमनेउ यारो बन्दूक ले लर्इ
पहले हमेउं भौत अखरतो
कोउ कन्धा पे जब जाए धरतो
लम्बी दोबारी नालिन में जाकीं
सबके अँगारू गोलिन नें भरतो
बन्दूक गह लर्इ बन्दूक गह लर्इ
हाथन में हमनेउँ बंदूक गह लर्इ
नातन में जाते गोतन में जाते
चौकन में जाते मौतन में जाते
ब्याहन में जाते सगाइन में जाते
कन्धा हमारे सूने रह जाते
बहौत सह लर्इ बहौत सह लर्इ
जासे जुदार्इ बहौत सह लर्इ
जब से है आर्इ कन्धा पे छार्इ
हमें न भाए जाकी उतरार्इ
जाके बिना दे कैसें दिखार्इ
हमें न देत अब कोउ सुनार्इ
सुनसान रहलर्इ सुनसान रहलर्इ
बाखर हमारी सुनसान रहलर्इ