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कागद रै ठाण पर / कन्हैया लाल सेठिया
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कागद रै ठाण पर
स्याही री सांकळ स्यूँ
सबद् री गाय बाँध,
तुक रो नाणूँ दे’र
गीत रो दूध दुह
आंणद री खीर राँध !