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पैलाँ भूख / कन्हैया लाल सेठिया
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पैलाँ भूख
रसोयाँ में रैती ही,
अबै होटलाँ में रूळण लागगी,
पैलाँ तिस
मटक्याँम में रैती ही,
अबै बातळाँ में फिरण लागगी,
पैला लाज
पलकाँ में रैती ही,
अबै बजाराँ में बिकण लागगी,
पैला बात
मिनखाँ में रैती ही,
अबै भींतां ही सुणण लागगी !