भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
राजस्थानी भाषा / कन्हैया लाल सेठिया
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:03, 28 नवम्बर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया |संग्रह=लीकल...' के साथ नया पन्ना बनाया)
पड़गी सिझ्यां
जगा दै
सूतै दिवलै नै,
फाटगी भाक
निंदा दै
जागतै दिवलै नै,
कोनी कवै
बाळणै
बुझ्ााणै री बात
राजस्थानी भाषा
संवेदणा साख्यात !