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साची बात (01) / कन्हैया लाल सेठिया
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चावल सूंघा
मूंघा मोठ
भणिया भूखा
धाया ठोठ,
सूरज आवै
बिन्यां छिदाम
पण दिवलै रा
लागै दाम,
इचरज क्यां रो
साची बात
दै वजीर नै
प्यादो मात !