भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दिवलै री शिखा / कन्हैया लाल सेठिया

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:29, 28 नवम्बर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया |संग्रह=हेमा...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ऊबी सिर पर
ले चिणगारी
शिखा- पदमणी राणी,
कथा-व्यथा जौहर री परतख
आ सागी सैनाणी,
कोनी छूणै सक्यो कदेई
कायर कुटिल अन्धेरो,
ओ खिलजी बो
हार उठायो
गढ चितौड़ रो घेरो !