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निज भासा बिन / किरण राजपुरोहित ‘नितिला’

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भासा रा भाखर चढता
थाकै आखर
पांगळो ई रैय जावै
अरथावणो।
निज भासा बिन
होय जावै अंधारो
डूबै- जिण में इतियास।