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आते हैं आने वाले / उत्तमराव क्षीरसागर
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ये दुनिया है
आते हैं आनेवाले
जाते हैं जानेवाले,
सेतु नहीं है
फिर भी
इस पार से उस पार तक
उस पार से इस पार तक
आते हैं आने वाले......
-1997 ई0