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भगत सिंह / नीलाभ
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एक आदमी
अपने अंशों के योग से
बड़ा होता है
ठहरिए !
इसे मुझको
ठीक से कहने दीजिए ।
एक ज़िन्दा आदमी
बड़ा होता है
अपने अंशों के योग से
अपन बाक़ी तो
उससे कम ही
ठहरते आए हैं ।