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गीत जो गाए नहीं / गोपालदास "नीरज"
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गीत जो गाए नहीं
रचनाकार | गोपालदास "नीरज" |
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प्रकाशक | डायमण्ड पॉकेट बुक्स, नई दिल्ली |
वर्ष | 2005 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
पृष्ठ | 87 |
ISBN | 81-288-1007-3 |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- मानव कवि बन जाता है / गोपालदास "नीरज"
- जीवन जहाँ / गोपालदास "नीरज"
- अब तुम्हारा प्यार भी / गोपालदास "नीरज"
- नींद भी मेरे नयन की / गोपालदास "नीरज"
- कितनी अतृप्ति है / गोपालदास "नीरज"
- तुमने कितनी निर्दयता की / गोपालदास "नीरज"
- कितने दिन चलेगा / गोपालदास "नीरज"
- दिया जलता रहा / गोपालदास "नीरज"
- मरण-त्योहार / गोपालदास "नीरज"
- क्यों उसको जीवन भार ना हो / गोपालदास "नीरज"
- लहरों में हलचल / गोपालदास "नीरज"
- पिया दूर है न पास है / गोपालदास "नीरज"
- मैं तूफ़ानों मे चलने का आदी हूं / गोपालदास "नीरज"
- खग उड़ते रहना / गोपालदास "नीरज"
- जीवन आधार नहीं मिलता है / गोपालदास "नीरज"
- यह संभव नहीं / गोपालदास "नीरज"
- मधु पीते-पीते थके नयन / गोपालदास "नीरज"
- आँधी आ रही है / गोपालदास "नीरज"
- साथी सब सहना पड़ता है / गोपालदास "नीरज"
- उसकी प्यास प्रबल कितनी थी? / गोपालदास "नीरज"
- छोड़ दी पतवार / गोपालदास "नीरज"
- कफ़न है आसमान / गोपालदास "नीरज"
- क्यों मन आज उदास है / गोपालदास "नीरज"
- मेरा इतिहास नहीं है / गोपालदास "नीरज"
- आ गई थी याद तब / गोपालदास "नीरज"
- सूनी-सूनी साँस की सितार पर / गोपालदास "नीरज"
- अब तुम रूठो / गोपालदास "नीरज"
- व्यंग्य यह निष्ठुर समय का / गोपालदास "नीरज"
- प्यार बन जा / गोपालदास "नीरज"
- डगमगाते पाँव / गोपालदास "नीरज"
- मधुवन का यौवन / गोपालदास "नीरज"
- बन्द कूलों में / गोपालदास "नीरज"
- खेल यह जीवन-मरण का / गोपालदास "नीरज"
- मैं तुम्हें अपना / गोपालदास "नीरज"
- रूके न जब तक साँस / गोपालदास "नीरज"