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खिड़की / ज्यून तकामी

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खिड़की खोल जल्दी से

ओ लड़की!


कमरे में भरा है

सिगरेट का धुँआ

और बातों का शोर

खिड़की खोल, अरी लड़की!

मेरे दिल की ओर ।


मेरे दिल के कमरे में

अभी तक आए नहीं मेहमान

बन्द पड़ा है अभी तक वह

बहुत तेज़ घुटन है

मन है मेरा बेहद परेशान ।


ओ लड़की !

खुली रहने दे खिड़की

बस छोड़ दे ऎसे ही अब

देखने दे मुझे यह गूंगा नीला आसमान

बतियाने दे हरे पेड़ों से

ताकने दे नीरव सन्नाटे भरी शाम ।