अन्याय
फिर अन्याय
उस पर भी ख़ामोशी
चुप्पी की भी अपनी राजनीति है
समझ रहे हैं हम
जो ख़ामोश रहे इस दौर में
उतर आए अपने बचाव में
मैं तोड़ रहा हूँ
अपनी ख़ामोशी
अब आपकी बारी है ...
अन्याय
फिर अन्याय
उस पर भी ख़ामोशी
चुप्पी की भी अपनी राजनीति है
समझ रहे हैं हम
जो ख़ामोश रहे इस दौर में
उतर आए अपने बचाव में
मैं तोड़ रहा हूँ
अपनी ख़ामोशी
अब आपकी बारी है ...