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स्वाभिमानी / गोविन्द माथुर
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जिन से हमें
कुछ प्राप्त नहीं हो रहा
उनकी क्यों सुनें
आख़िर
स्वाभिमानी हैं हम
जिनसे हमें
कुछ प्राप्त हो रहा है
उनकी ग़ाली भी
सुन लेते हैं
यह विनम्रता है हमारी ।