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मेरा हाथ / गोविन्द माथुर
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उठता है मेरा हाथ
अभिवादन के लिए
अभिषेक के लिए
शुभकामना के लिए
उठता है मेरा हाथ
दुआ माँगने के लिए
अन्याय के विरुद्ध
आवाज़ उठाने के लिए
शोषण के विरुद्ध
हक़ माँगने के लिए
लेकिन नहीं उठता मेरा हाथ
पीठ में छुरा घोंपने के लिए
धर्मध्वजा लहराने के लिए
रथ में जुते घोड़ों को
चाबुक मारने के लिए ।