भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
जात / लालसिंह दिल / सत्यपाल सहगल
Kavita Kosh से
Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:03, 7 अप्रैल 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लालसिंह दिल |अनुवादक=सत्यपाल सहग...' के साथ नया पन्ना बनाया)
मुझे प्यार करने वाली
पराई जात कुड़िये
हमारे सगे मुर्दे भी
एक जगह नहीं जलाते.