भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
जैसे दिया सिराया जाता है / केदारनाथ सिंह
Kavita Kosh से
Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:38, 11 अप्रैल 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ सिंह |अनुवादक= |संग्रह=स...' के साथ नया पन्ना बनाया)
तो मैंने भागीरथी से कहा
मां,
मां का खयाल रखना
उसे सिर्फ भोजपुरी आती है।