भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

भागवत भगवान की है आरती / आरती

Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:38, 2 दिसम्बर 2007 का अवतरण (New page: {{KKBhaktiKavya |रचनाकार= }} भागवत भगवान की है आरती<BR> पापियों को पाप से है तारती ॥<BR><BR> ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

रचनाकार:                  

भागवत भगवान की है आरती
पापियों को पाप से है तारती ॥

यह अमर ग्रंथ
यह मुक्ति पंथ
सन्मार्ग दिखाने वाला
बिगड़ी को बनाने वाला ॥

यह सुख करनी
यह दुख हरनी
जगमंगल की है आरती
पापियों को पाप से है तारती ॥