Last modified on 9 मई 2014, at 13:21

जैसे कि एक बैल / मिगुएल हेरनान्देज़

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:21, 9 मई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मिगुएल हेरनान्देज़ |अनुवादक=उदय ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बैल की तरह मेरा जन्म शोक मनाने के लिए ही हुआ था
और पीड़ा के लिए,
बैल की तरह ही मेरी शिनाख़्तगी के लिए
दहकते हुए लोहे से मेरी पीठ को दागा गया
और नर होने की वजह से मेरे यौनांग को भी

बैल की तरह ही मेरे विशाल इस हृदय को
हर चीज़ बहुत छोटी दिखाई देती है यहां
और प्यार में, बैल जैसे चेहरे और चुम्बन के साथ ?
तुम्हारे प्यार के लिए मुझे हर बार जूझना पडता है

बैल की तरह अनगिनत सज़ाओं से मैं पक चुका हूँ
मेरी जीभ मेरे दिल के खून में नहा चुकी है
और मेरे गले को चीख़ते हुए किसी अन्धड़ ने जकड़ लिया है

बैल जैसा मैं तुम्हारे पीछे-पीछे चलता हूँ
पीछा करता हूँ तुम्हारा
और तुम मेरी कामनाओं को ख़ंजर पर चढ़ा देती हो

किसी दाग़ी बदनाम बैल की तरह
बैल की तरह ।