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काली पृष्ठ्भूमि में सुनहले विचार / तादेयुश रोज़ेविच

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जब से जागा हूँ
मुझे काले-काले विचार आ रहे है

काले विचार ?
उनके रुप और विषय-वस्तु के वर्णन की
एक संभव कोशिश करता हूँ

आपको लगता क्यों है कि वे काले हैं ?

हो सकता है वे चौकोर हों
या लाल
या फिर सुनहले

बस, ये हुई न बात !

सुनहले विचार

एक थकी हुई भाषा के मृत सागर में
तिरते हुए सुनहले वचनामृत

मसलन एक वो गोगोल वाला -
"कोई उतना ढाढस नहीं बंधाता , जितना इतिहास "
या -
"हास्य हंसाने की चीज़ नहीं है "

और एक वो दूसरा वाला विचार भी

जिस पर युवाओं को विचार करना चाहिए
और उन्हें भी जो अपनी उम्र के 'सबसे नाजुक दौर' में हैं

"बूढों के बगैर यह संसार बहुत
दरिद्र संसार होगा"

पुनश्च :
सड़क पर टैक्सी में तुम्हें कोई सीट देने वाला नहीं होगा
और फिर ऐसे जीवन के क्या मानी
जिसमे नेक कर्म न हों !!

(बिल जॉन्सन के अंग्रेज़ी अनुवाद के आधार पर )