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जागो पीतम प्यारा लाल / सूरदास

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जागो पीतम प्यारा लाल तुम जागो बन्सिवाला ।
तुमसे मेरो मन लाग रह्यो तुम जागो मुरलीवाला ॥ जा०॥ध्रु०॥
बनकी चिडीयां चौं चौं बोले पंछी करे पुकारा ।
रजनि बित और भोर भयो है गरगर खुल्या कमरा ॥१॥
गरगर गोपी दहि बिलोवे कंकणका ठिमकारा ।
दहिं दूधका भर्या कटोरा सावर गुडाया डारा ॥ जा०॥२॥
धेनु उठी बनमें चली संग नहीं गोवारा ।
ग्वाल बाल सब द्वारे ठाडे स्तुति करत अपारा ॥ जा०॥३॥
शिव सनकादिक और ब्रह्मादिक गुन गावे प्रभू तोरा ।
सूरदास बलिहार चरनपर चरन कमल चित मोरा ॥ जा०॥४॥